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गंगातीरी गाय कहाँ पाई जाती है और किन विशेषताओं की वजह से जानी जाती है

गंगातीरी गाय कहाँ पाई जाती है और किन विशेषताओं की वजह से जानी जाती है

गंगातीरी गाय की अद्भुत विशेषता के विषय में जानकर आप भौंचक्के हो जाएंगे। यह एक दिन के अंदर दस लीटर से भी अधिक दूध प्रदान करती है। क्या आपने कभी गंगातीरी गाय के विषय में सुना है? यदि आप पशुपालन का व्यवसाय करते होंगे, तो इस गाय के संबंध में आपको भली भांति जानकारी है। दरअसल, यह गाय उत्तर प्रदेश एवं बिहार में काफी मशहूर है। इस गाय की विशेषता के संबंध में जानकर आप पूरी तरह से दंग रह जाएंगे। गंगातीरी गाय रखने वाले लोगों का कहना है, कि यह एक दिन में 10 से 16 लीटर तक दूध प्रदान करती है। इतना ही नहीं, इस गाय की और भी बहुत सारी विशेषताएं हैं, जिसके बारे में हम इस कहानी के जरिए से बताने जा रहे हैं। तो चलिए आज हम इस लेख में गंगातीरी गाय के संबंध में विस्तार पूर्वक जानें। 

गंगातीरी गाय के संबंध में विस्तृत जानकारी

इस प्रजाति की गाय कहाँ कहाँ पाई जाती है

गंगातीरी गाय एक प्रकार से देसी प्रजाति की गाय है। बतादें कि इस नस्ल की गायें अधिकांश उत्तर प्रदेश और बिहार के जनपदों में देखी जाती हैं। यह प्रमुख तौर पर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया तो वहीं बिहार के रोहतास और भोजपुर जनपद के अंतर्गत पाई जाती हैं। उत्तर प्रदेश में गंगातीरी गायों की तादात तकरीबन 2 से 2.5 लाख रुपए तक है। यह गाय भी दूसरी आम गायों की भांति ही दिखती है। परंतु, इसे पहचानना काफी ज्यादा आसान रहता है। गंगातीरी नस्ल की गायें भूरे और सफेद रंग की होती हैं। 

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जानें इस गाय की पहचान किस प्रकार की जाती है

दरअसल, हम पहले भी बता चुके हैं, कि गंगातीरी गाय का रंग भूरा और सफेद होता है। इसके अतिरिक्त इन गायों के सिंघ छोटे व नुकीले होते हैं, जो कि दोनों तरफ से फैले होते हैं। वहीं, इस गाय के कान थोड़ी नीचे की ओर झुके होते हैं। इस प्रजाति के जो बैल होते हैं, उनकी ऊंचाई तकरीबन 142 सेन्टमीटर होती है। वहीं, गाय की ऊंचाई की बात की जाए तो 124 सेन्टीमीटर तक होती है।

गंगातीरी गायों का वजन तकरीबन 235-250 किलो तक रहता है। इस नस्ल की गायें बाजार में बेहद ही महंगी बिकती हैं। इनकी कीमत 40 से 60 हजार रुपये तक होती है। यहां ध्यान देने योग्य जो बात है, वह यह कि इन गायों का ख्याल थोड़ा ज्यादा रखने की आवश्यकता पड़ती है। क्योंकि, पर्याप्त आहार न मिलने की स्थिति में यह गायें बीमार भी हो सकती हैं। इस गाय के दूध में फैट तकरीबन 4.9 प्रतिशत तक पाया जाता है। इसका दूध साधारण गायों के मुकाबले ज्यादा कीमतों पर बिकता है।

जानें कांकरेज नस्ल की गाय की कीमत, पालन का तरीका और विशेषताओं के बारे में

जानें कांकरेज नस्ल की गाय की कीमत, पालन का तरीका और विशेषताओं के बारे में

भारत के अंदर बहुत सारी नस्लों की गाय पाई जाती हैं। प्रत्येक नस्ल की गाय की अपनी अपनी खूबियां होती हैं। इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे कांकरेज नस्ल की गाय के बारे में। इस नस्ल की गाय राजस्थान और गुजरात में पाई जाती है, जो कि बहुत ही प्रसिद्ध गाय है। बतादें कि यह एक दिन में 10 से 15 लीटर दूध का उत्पादन करती है। कांकरेज गाय देशी नस्ल की गाय होती है। यह भारत के गुजरात एवं राजस्थान राज्य में पाई जाती है। यह गाय देश में अपनी दूध उत्पादन की क्षमता के लिए काफी मशहूर है। इस नस्ल की गाय दिन में 6 से 10 लीटर दूध देती है। कांकरेज नस्ल की गाय और बैल दोनों की ही बाजार में बहुत मांग है। बतादें कि इनका इस्तेमाल दूध के साथ-साथ कृषि कार्यों के लिए भी किया जाता है। इसे लोकल भाषा में बोनाई, तलबाडा, वागडिया, वागड़ और नागर आदि नामों से जाना जाता है। चलिए आज हम आपको कांकरेज नस्ल की इस गाय से संबंधित विशेषताओं के विषय में बताते हैं। 

कांकरेज गाय की कितनी कीमत होती है

आपकी जानकारी के लिए बतादें कि इन गायों की कीमत बाजार में सामान्य तौर पर उम्र और नस्ल के आधार पर निर्धारित की जाती है। बाजार में इस गाय की कीमत 25 हजार रुपये से लेकर 75 हजार रुपये तक की है। बहुत सारे राज्यों में इसकी कीमत और भी अधिक होती है।

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कांकरेज गाय का किस प्रकार पालन किया जाता है

कांकरेज गायों को गर्भ के दौरान विशेष देखभाल की आवश्यकता पड़ती है। इस दौरान इसे रोगों से संरक्षण के लिए वक्त - वक्त पर टीकाकरण की आवश्यकता होती रहती है। इससे बछड़े बेहतर एवं स्वस्थ पैदा होते हैं। साथ ही, दूध की पैदावार भी काफी ज्यादा होती है। 

कांकरेज गाय की खासियतें

कांकरेज नस्ल की गायें एक महीने में औसतन 1730 लीटर तक दूध प्रदान करती है। इस गाय के दूध में वसा 2.9 और 4.2 प्रतिशत के मध्य विघमान रहता है। इसके वयस्क बच्चों की लंबाई 25 सेमी है, जबकि वयस्क बैल की औसत ऊंचाई 158 सेमी होती है। इन गायों का वजन 320 से 370 किलोग्राम तक होता है। कांकरेज नस्ल के मवेशी सिल्वर-ग्रे एवं आयरन ग्रे रंग के होते हैं। इसका खान-पान बेहद ही अच्छा होता है। इन गायों के लिए पर्याप्त चारे, पानी, खली और चोकर की बेहद जरूरत होती है।

गाय पालन को प्रोत्साहन देने के लिए यह राज्य सरकार अच्छी-खासी धनराशि प्रदान कर रही है।

गाय पालन को प्रोत्साहन देने के लिए यह राज्य सरकार अच्छी-खासी धनराशि प्रदान कर रही है।

पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों की तरफ से अहम कवायद की गई है। यदि आप भी इस योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 900 रुपये पाना चाहते हैं, तो आपको मध्य प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इस योजना के तहत खुद को रजिस्टर कराना होगा। भारत में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। हिंदू धर्म का अनुपालन करने वाले लोग सामान्यतौर पर प्रत्येक जीव से प्यार करते हैं। परंतु, गाय को लेकर उनको विशेष लगाव होता है। हिंदू धर्म में गाय को काफी ज्यादा पवित्र जीव घोषित किया गया है और इसे मां का दर्जा प्रदान किया गया है। यही कारण है, कि गाय के दूध के साथ-साथ उसके गोबर और मूत्र का भी उपयोग सनातन धर्म के धार्मिक कार्यों में होता है। परंतु, फिलहाल, धीरे-धीरे गाय को पालने वाली परंपरा और संस्कृति समाप्त होती जा रही है। इसी संस्कृति का संरक्षण करने के लिए मध्य प्रदेश की सरकार की तरफ से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

गाय पालन हेतु किसे धनराशि प्रदान की जाएगी

मध्य प्रदेश सरकार ने यह ऐलान किया है, कि वह प्रति माह उन लोगों को 900 रुपये प्रदान किए जाऐंगे। जो गाय का पालन और जैविक खेती करेंगे। इस योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 22000 किसानों को पहली किश्त जारी भी कर दी है। साथ ही, सरकार द्वारा राज्य में पशु चिकित्सा एंबुलेंस सर्विस का भी शुभारंभ किया है। ये भी पढ़े: इस नंबर पर कॉल करते ही गाय-भैंस का इलाज करने घर पर आएगी पशु चिकित्सकों की टीम

योजना का लाभ लेने के लिए क्या करें

यदि आप भी इस योजना के अंतर्गत प्रति माह 900 रुपये पाना चाहते हैं। तो आपको मध्य प्रदेश की सरकारी वेबसाइट पर जाकर इस योजना के चलते स्वयं को पंजीकृत कराना होगा। इसके साथ ही गाय का गोबर भी खरीदने की योजना तैयार की जा रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है, कि वह संपूर्ण राज्य में विभिन्न गोबर प्लांट लगा कर गाय के गोबर से सीएनजी तैयार करेंगे।

पशु एंबुलेंस बुलाने के लिए इस नंबर को डायल करें

यदि आप मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और अपने पशु के रोगग्रस्त होने पर एंबुलेंस मंगाना चाहते हैं। तब आपको कुछ नहीं करना है, सिर्फ 1962 नंबर डायल कर देना है। यह नंबर पूर्णतयः टोल फ्री है। इस नंबर को डायल करने पर आपके फोन से एक भी रुपया भी नहीं कटेगा। ऐसा करते ही कुछ ही समय में आपके घर के बाहर पशु एंबुलेंस उपस्थित हो जाएगी।
गाय की इस नस्ल का पालन करने पर पशुपालकों को मिल सकती है सब्सीडी

गाय की इस नस्ल का पालन करने पर पशुपालकों को मिल सकती है सब्सीडी

खेती के सात साथ किसान पशुपालन करके भी अपनी आमदनी बढ़ा सकते है।  पशुपालन के अंदर ज्यादातर गाय और भैंस जैसे दुधारू पशुओं का पालन किया  जाता है। 

पशुपालक को गाय की उत्तम किस्म का चयन करना चाहिए ताकि अधिक दूध प्राप्त किया जा सके। गाय की ऐसी बहुत सी नस्ल है जिनसे अच्छा दूध प्राप्त किया जा सकता है। ऐसी ही गाय की नस्ल मे से एक नस्ल है साहीवाल। 

साहीवाल गाय को अधिक दूध देने वाली गाय माना जाता है यदि गाय का अच्छे से रखरखाव किया जाए तो प्रतिदिन गाय से 10 से 16 लीटर दूध प्राप्त किया जा सकता है। 

साहीवाल नस्ल की गाय का ज्यादातर पालन हरियाणा और राजस्थान मे किया जाता है। यदि आप भी दूध के अधिक उत्पादन के लिए डेयरी खोलना चाहते है तो उसके लिए साहीवाल गाय का ही चयन करें। 

बहुत से पशुपालक साहीवाल गाय का पालन करके अपनी इनकम बढ़ा रहे है। इसके अलावा सरकार  द्वारा देशी गाय के पालन के लिए सब्सीडी भी प्रदान की जा रही है। 

कैसे करें साहीवाल गाय की पहचान 

साहीवाल गाय की पहचान करना काफी सरल है, साहीवाल गाय की पहचान उसके शरीर की बनावट, सींघो और गाय की रंग से आसानी से की जा सकती है। 

  1. साहीवाल गाय की सींघ दिखने मे छोटे और मोटे होते है। 
  2. साहीवाल गाय की गर्दन की नीचे खाल की एक मोटी परत लटकी हुई होती है। 
  3. इस नस्ल की गाय के शरीर का आकर मध्यम और माथा आगे से चौड़ा होता है। 
  4. साहीवाल गाय का रंग गहरे भूरे और लाल रंग का होता है, इसके शरीर पर सफ़ेद रंग के चमकदार धब्बे भी होते है। 
  5. इस नस्ल की गाय के पीठ पर बने कूबड़ की ऊंचाई 120 सेंटीमीटर होती है। 
  6. साहीवाल नस्ल की इस गाय का वजन 300 से 400 किलोग्राम होता है। 

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साहीवाल गाय की विशेषताएं क्या है ?

साहीवाल गाय की बहुत सी ऐसी विशेषताएं है जो इसे अन्य गायों से अलग बनाती है , आइये बात करते है साहीवाल गाय की विशेषताओं के बारे मे। 

  1. साहीवाल गाय की इस नस्ल को अन्य गायों की तुलना मे अधिक दूध देने वाली गाय माना गया है। 
  2. साहीवाल गाय एक ब्यात पर 10 महीने तक दूध देती है , पुरे ब्यांत मे यह  2270 लीटर दूध देती है। 
  3. रोजाना की बात करें यह गाय प्रतिदिन 10 से 16 लीटर दूध देती है। 
  4. अन्य गायों की तुलना मे इस गाय के दूध मे प्रोटीन और वसा ज्यादा मात्रा मे पायी जाति है। 
  5. गर्म इलाकों मे भी यह गाय आसानी रह सकती है। 
  6. साहीवाल गाय के रखरखाव पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है , इसे आसानी से कोई भी पशुपालक पाल सकता है। 
  7. इस नस्ल की गाय की प्रजनन अवधी मे 15 महीने का समय अंतराल होता है। 

साहीवाल गाय की कीमत 

किसी गाय की कीमत उसकी दूध देने की क्षमता, उम्र और नस्ल पर निर्भर करती है।  ऐसे मे साहीवाल गाय की कीमत 40000 से 60000 रुपए तक है। 

साहीवाल गाय की खरीद पर कितनी सब्सीडी मिल रही है ?

सरकार द्वारा किसानों को देसी गायों की खरीद के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा गाय पालन को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार द्वारा गौपालन प्रोत्साहन योजना 2023 -2024 चलाई जा रही है। 

इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को गौपालन के लिए डेरी लगाने के लिए 75% सब्सीडी प्रदान की जा रही है। इसके अलावा सामान्य वर्ग के लोगो को 40% सब्सिडी प्रदान की जा रही है। 

कहाँ से खरीदे साहीवाल गाय की उन्नत नस्ल 

साहीवाल गाय भारत के उत्तर दिशा मे सबसे ज्यादा पायी जाती है। इस नस्ल की गाय का उद्गम स्थल रावी नदी के आसपास और पाकिस्तान पंजाब के मोंटगोमरी जिला माना जाता है। 

साहीवाल गाय सबसे अधिक दूध देने वाली गाय मे से एक है , ज्यादातर यह नस्ल पंजाब के फिरोजपुर और अमृतसर जिलों मे पायी जाती है। राजस्थान के गंगानगर और फिरोजपुर जिले के फाजिलका और अबोहर कस्बे मे इस गाय की नस्ल को पाला जाता है।